A guide on Cloud Computing in Hindi|Cloud Computing in Hindi

Cloud-Computing-in-Hindi

सीधे और सरल शब्दो में कहाँ जाये तो Cloud Computing एक ऐसी technology है जो Internet और Central remote servers का इस्तेमाल कर data और applications को maintain करता है |

Cloud Computing
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Cloud Computing के उदहारण

उदहारण के तौर पे अगर आप कोई भी email service का इस्तेमाल कर रहे है तो आप भी Cloud से जुड़े हुए है|

जैसे अगर आप gmail इस्तेमाल करते है तो आपको google drive पर 15 GB का space मिलता है जो google cloud पर होता है |

यह 15 GB data, google cloud पर रहता है| अगर आपको और storage space चाहिये तो आपको उसके लिए भुगतान करना होता है|

पहले आपको अगर अपने मित्र या दोस्तों के साथ कुछ भी data छैहे pdf file या कोई photo, video शेयर करनी होती थी तो आप ज्यादातर pendrive या CD का इस्तेमाल करते होगे |

परन्तु अब आप Gmail drive space/storage का इस्तेमाल कर अपने दोस्तों के साथ कुछ भी शेयर कर सकते है और आपको इसके लिए किसी से मिलने की भी जरूरत नहीं है data शेयर करने के लिए|

जैसे ही आप कुछ भी अपनी google drive पर शेयर करेंगे तो आपके सभी मित्रो को वो फाइल तुरंत प्राप्त हो जाएगी|

इसका फायदा यह है की वह फाइल आप अपने बहुत सारे मित्रो के साथ एक साथ शेयर कर सकते है|

एक और उदहारण के तोर पे शायाद आपने कभी online photo resize की होगी| फोटो रेसिज़े करना बिना कोई software install किये भी cloud computing का उद्धरण है |

यहाँ आपने एक application का प्रयोग किया internet के माध्यम से जो की cloud पर मौजूद थी|

एक और उदहारण के तौर पे आप facebook, youtube जैसी applications का प्रयोग कर सकते है कही भी बैठ कर |

बस आपको अपने laptop, mobile से internet के माध्यम से उस application का इस्तेमाल करना है और आप अपनी information या data को कही से भी access कर सकते है|

इस तरह दुनिया में बहुत सारे लोग बहुत से जगह से अपना-अपना data access कर सकते है |

Cloud Computing की आव्यशकता

आज के दौर में जैसे की आपको पता होगा की कोई भी Computing से जुडी हुई कंपनी को बहुत सारा data compute करना होता है उसके लिए उसे Hardware, software, storage और networking की ज़रूरत होती है |

इसके लिए उस company को बहुत सा धन खर्च करना होता है, उसके खरीदने के लिए , उसके रख रखाव के लिए (Premises जगह का होना), उसके maintenance के लिए और उसके Functional या operational करने के लिए|

Cloud model 5 essential characteristics, 4 deployment models और 3 service models से बना होता है|

इसको 5-4 -3 principles of cloud computing भी कहाँ जाता है |

चलिए इस 5-4-3 principle को समझते है|

5-4 -3 principles of cloud computing

5 Essential Characteristic

On-demand Self-service:

जैसे की नाम से ही प्रतीत हो रहा है, इस Characteristic का मतलब यह है कि आप स्वयं ही एकतरफा इसमें network storage कर सकते हो जब आप चाहे तब | इसमें आपको किसी और पे निर्भर होने की जरूरत नहीं है|

Broad Network Access:

इस technology का इस्तेमाल आप कही से भी कर सकते है , जैसे की अपने mobile phone से, laptop से इत्यादि|

Elastic Resource Pooling:

इस technology के माध्यम से बहुत से व्यक्ति एक ही समय पर अलग-अलग स्थान से resources (storage, processing, memory और network bandwidth) का इस्तेमाल कर सकते है| इस technology को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति (customers) को मिली हुई resource के location के बारे में नहीं पता होता न ही वो इसे control कर सकता है |

Rapid Elasticity:

उपभोक्ता के लिए, प्रावधान करने के लिए उपलब्ध क्षमताएं अक्सर असीमित दिखाई देती हैं और किसी भी समय किसी भी मात्रा में खरीदी जा सकती हैं।

Measured Service:

Cloud Systems स्वचालित रूप से नियत्रण और अनुकूलन करते है|Cloud Systems में Resource usage को monitor, report एवं control किया जाता है ताकि provider और Consumer के बीच में Transparency रहे |

Four Cloud Deployment Models

Cloud Services किस तरह उपभोगता (Consumer) को मिलेंगी यह deployment model द्वारा तय होता है |

Cloud Services को deploy करने के लिए 4 deployment models होते है :

  • Public
  • Private
  • Hybrid
  • Community

चलिए इन चार deployment models को अच्छे से जानते है ;

Public: इस cloud infrastructure को आम जनता आसानी से access कर सकती है| यह infrastructure आम जनता के लिए open होता है | इस तरह का Cloud infrastructure का सञ्चालन, प्रभंधन व्यापारिक, शैक्षिक या सरकारी संगठन करते है या फिर इनमे से कोई मिलकर भी सञ्चालन, प्रभंधन का कार्य कर सकता है |इस तरह का cloud infrastructure cloud provide करने वाली कंपनी के परिसर पे होता है|

Private: इस तरह के cloud infrastructure का प्रयोग केवल एक ही संस्था के विभिन्न उपभोगता के लिए होता है| इस संस्था के विभिन्न units इसका इस्तेमाल करती है| इस तरह का Cloud infrastructure का सञ्चालन, प्रभंधन संस्था द्वारा, third party द्वारा या फिर इनके मेल से भी हो सकता है| इस तरह का cloud infrastructure onsite या offsite भी हो सकता है |

Community: इस तरह का cloud infrastructure काफी सारी organizations(संस्थाओ) द्वारा साझा किया जाता है| इन सभी संस्थाओ का सांझा मिशन, आवयश्कता, निति होती है| इस तरह के cloud infrastructure का प्रभंधन संस्था द्वारा या किसी third-party द्वारा किया जाता है| इस तरह का cloud infrastructure onsite या offsite भी हो सकता है |

Hybrid: इस तरह के cloud infrastructure में दो या दो से ज्यादा cloud infrastructure का मेल होता है (private, public और Community)| यह क्लाउड infrastructure unique होते है परन्तु यह मानकीकृत या मालिकाना तकनीक से बंधे होते है जो data और application portability को सक्षम बनाता है|

Three Service Offering Models

  • Software as a Service
  • Platform as a Service
  • Infrastructure as a Service

Software as a Service: SaaS एक सॉफ्टवेयर वितरण मॉडल है जिसमें एप्लिकेशन (सॉफ्टवेयर, जो सबसे महत्वपूर्ण कंप्यूटिंग संसाधनों में से एक है) हैं एक विक्रेता या सेवा प्रदाता द्वारा होस्ट किया जाता है और ग्राहकों को network द्वारा उपलब्ध कराया जाता है , आमतौर पर इंटरनेट द्वारा|

Platform as a Service: PaaS एक उदहारण है Operating System और उससे जुडी हुई Services को प्रदान करने के लिए बिना कुछ download या installation करे|

Infrastructure as a Service: IaaS में उपकरणों को outsource किया जाता है जिनका इस्तेमाल operations में आता है जैसे की Storage, hardware, servers और networking component.

Advantages of Cloud Computing

Cloud Computing के benefits इस प्रकार है:

  1. Achieve economies of scale: cloud computing के द्वारा हम कम systems से ही volume output और productivity बड़ा सकते है जिससे project की cost घट सकती है|
  2. Reduce spending on technology infrastructure: cloud computing की मदद से आप जब चाहे तब आप अपना डाटा access कर सकते है जिससे खर्चा काम होता है क्यूंकि इसमे आप जीतना इस्तेमाल करते है उतना ही pay करते है, उदाहरण के तौर पे जैसे की बिजली का बिल उतना ही आता है जितना आपने इस्तेमाल किया हो |
  3. Globalize the workforce: Internet के जरिये आप cloud पर अपने डाटा को कही से भी access कर सकते है, आप अपने डाटा को दुनिया में किसी भी कोने से access कर सकते है और शेयर करके विभिन्न जगहों से अलग अलग व्यक्ति उस पर काम भी कर सकते है |
  4. Reduce Capital Costs: Cloud Computing की वजह से Capital Costs कम हो जाती है क्यूंकि आपको hardware, software और license fees पर खर्च करने की जरूरत नहीं रहती, आपको यह सारी सुविधाएं cloud के द्वारा मिल जाती है |
  5. Pervasive accessibility: Cloud के द्वारा आप data और application को जो cloud पर है उसको आप कभी भी कही से भी access कर सकते है Internet के माध्यम से|
  6. Minimize maintenance and licensing software: on-premise computing resources की जरूरत न होने के कारण maintenance बहुत ही सरल और कम हो जाती है साथ में software update की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती क्यूंकि यह सारी जिम्मेदारी cloud service प्रदान करने वाली कंपनी को करनी होती है|

Disadvantages of Cloud Computing

Cloud Computing का सबसे बड़ा drawback है Internet पर इस टेक्नॉलजी का निर्भर होना|

यदि किसी कारण वश Internet की सुविधा उपलब्ध नहीं हो तो आप अपने data और application को access नहीं कर पाएंगे|

Cloud Computing में एक बहुत बड़ा concern security का है क्यूंकि हमारा जो भी काम data और applications के साथ होता है वह Cloud में होता है और Cloud किसी company द्वारा दिया जाता है|

Features of Cloud

  1. Multitenancy: यह cloud की एक ऐसी property होती है जिसके कारण यह दूसरी applications से इसको अलग करता है,इसमें किसी भी software को एक ही समय पर बहुत सारे व्यक्ति access कर सकते है वो भी पूरी आजादी से| यहाँ जिस independence की बात हो रही है वो logical independence है |Physically वोह software शेयर होता है और स्वतंत्र नहीं होता (physcially)|
  2. Elasticity: यह प्रॉपर्टी यह सुनिश्चित करती है कि जब ज्यादा workload होगा तो system कैसे automatically अनुकूल बनेगा ताकि वह ज्यादा से ज्यादा current demand को fulfill कर सके limited resources में|
  3. Heterogenous Cloud Platform: इस property के कारण आप क्लाउड में कोई भी एप्लीकेशन चला सकते है |
  4. Quantitative measurement: जो भी सर्विसेज प्रोवाइड होती है उनको quantitatively measure यानि मापा जा सकता है| इसके कारण user से pay-per -use के आधार पर दाम लगा सकते है|
  5. On-Demand Service: Cloud applications user को सर्विस देती है जब भी user को चाहिए होती है|
Cloud Computing

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Cloud computing security issues and challenges

Cloud Computing से जुड़े security issues and challenges कुछ इस प्रकार है:

Cloud Computing में डाटा किसी अन्य पार्टी (third party) के पास store होता है जिसे Internet के माध्यम से access किया जाता है, ऐसे में data पर नियंत्रण बहुत सिमित होता है|

ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है की आप किस कंपनी की cloud services इस्तेमाल कर रहे है क्यूंकि बड़ी कंपनी आपको high level security प्रदान करती है| जैसे की amazon web services, Microsoft Cloud, Google Drive.

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